बोलो ना तूम कहाॅं हो
रेशीम जैसे तेरे बाल
हरनी जैसी तेरी चाल
बोलो ना तूम कहाॅ हो ।
नीली नीली तेरी आॅंखे
उसमें सारे स्वप्न देखे
बोलो ना तूम कहाॅ हो ।
सुंदर है तेरी काया
उसपर न पडो किसि दृष्ट की साया
बोलो ना तूम कहाॅं हो ।
तेरी एक हसी से मिटती है थकान
लगता है सबसे सुंदर जीवन
बोलो ना तूम कहाॅं हो ।
करती हो बाते मिठी मिठी
तेरे सिवाय दुनिया लगती है झूठी झूठी
बोलो ना तूम कहाॅं हो ।
तेरे बातो से प्रसन्न होता है मन
लगता है तुझमें अपनापण
बोलो ना तूम कहाॅं हो ।
पुरी हो तेरी सब मनकामना
मेरे सिवाय मित्र किसिको मत मानना
बोलो ना तूम कहाॅं हो ।
हसूंगा भी तेरे साथ
रोऊंगा भी तेरे साथ
बोलो ना तूम कहाॅं हो।
तेरी याद बिना नही जाता दिन
तेरी याद मे तरसता मेरा मन
बोलो ना तूम कहाॅं हो।
यह जादू कैसा हूआ कब हूआ
मन मेरा चोर उसने मालूम नही किया
बोलो ना तूम कहाॅं हो।
तुझे नही देखा तो मन नही लगता
तब तेरे सिवाय कुछ विचार नही आता
बोलो ना तूम कहाॅं हो।
कहाॅ से आई मन मे बैठ गई
मन से निकालना है बहूत कठिनाई
बोलो ना तूम कहाॅं हो।
तेरे बिना जीवन है मुश्किल बिताना
क्या बताऊ मै नही रहा अपना
बोलो ना तूम कहाॅं हो।
खूश रहो तूम सदाबहार
करेगी तू सब problem बेडापार
बोलो ना तूम कहाॅं हो ।
प्रा. दगा देवरे
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